Kushmanda (मां कूष्मांडा)
Mantra
ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥
Om Devi Kushmandayai Namah॥
Prarthana
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
Surasampurna Kalasham Rudhiraplutameva Cha।
Dadhana Hastapadmabhyam Kushmanda Shubhadastu Me॥
Stuti
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
Ya Devi Sarvabhuteshu Maa Kushmanda Rupena Samsthita।
Namastasyai Namastasyai Namastasyai Namo Namah॥
Dhyana
वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्विनीम्॥
भास्वर भानु निभाम् अनाहत स्थिताम् चतुर्थ दुर्गा त्रिनेत्राम्।
कमण्डलु, चाप, बाण, पद्म, सुधाकलश, चक्र, गदा, जपवटीधराम्॥
पटाम्बर परिधानां कमनीयां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल, मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वदनांचारू चिबुकां कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्।
कोमलाङ्गी स्मेरमुखी श्रीकंटि निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
Vande Vanchhita Kamarthe Chandrardhakritashekharam।
Simharudha Ashtabhuja Kushmanda Yashasvinim॥
Bhaswara Bhanu Nibham Anahata Sthitam Chaturtha Durga Trinetram।
Kamandalu, Chapa, Bana, Padma, Sudhakalasha, Chakra, Gada, Japawatidharam॥
Patambara Paridhanam Kamaniyam Mriduhasya Nanalankara Bhushitam।
Manjira, Hara, Keyura, Kinkini, Ratnakundala, Manditam॥
Praphulla Vadanamcharu Chibukam Kanta Kapolam Tugam Kucham।
Komalangi Smeramukhi Shrikanti Nimnabhi Nitambanim॥
Stotra
दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दरिद्रादि विनाशनीम्।
जयंदा धनदा कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
जगतमाता जगतकत्री जगदाधार रूपणीम्।
चराचरेश्वरी कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
त्रैलोक्यसुन्दरी त्वंहि दुःख शोक निवारिणीम्।
परमानन्दमयी, कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
Durgatinashini Tvamhi Daridradi Vinashanim।
Jayamda Dhanada Kushmande Pranamamyaham॥
Jagatamata Jagatakatri Jagadadhara Rupanim।
Charachareshwari Kushmande Pranamamyaham॥
Trailokyasundari Tvamhi Duhkha Shoka Nivarinim।
Paramanandamayi, Kushmande Pranamamyaham॥
Kavacha
हंसरै में शिर पातु कूष्माण्डे भवनाशिनीम्।
हसलकरीं नेत्रेच, हसरौश्च ललाटकम्॥
कौमारी पातु सर्वगात्रे, वाराही उत्तरे तथा,
पूर्वे पातु वैष्णवी इन्द्राणी दक्षिणे मम।
दिग्विदिक्षु सर्वत्रेव कूं बीजम् सर्वदावतु॥
Hamsarai Mein Shira Patu Kushmande Bhavanashinim।
Hasalakarim Netrecha, Hasaraushcha Lalatakam॥
Kaumari Patu Sarvagatre, Varahi Uttare Tatha,
Purve Patu Vaishnavi Indrani Dakshine Mama।
Digvidikshu Sarvatreva Kum Bijam Sarvadavatu॥
Aarti
कूष्माण्डा जय जग सुखदानी। मुझ पर दया करो महारानी॥
पिङ्गला ज्वालामुखी निराली। शाकम्बरी माँ भोली भाली॥
लाखों नाम निराले तेरे। भक्त कई मतवाले तेरे॥
भीमा पर्वत पर है डेरा। स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदम्बे। सुख पहुँचती हो माँ अम्बे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा। पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
माँ के मन में ममता भारी। क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा। दूर करो माँ संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो। मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए। भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥